एक ‘इडियट प्रेमी’ अभी उठ कर गए हैं, बोले - ‘‘मामला समझ में नहीं आ रहा है यार ? आमिर को किसी ने भड़का दिया वरना वो ऐसा आदमी नहीं है। ’’
‘‘ हां लगता तो यही है कि किसी के बहकावे में आ गया है। मौसम खराब चल रहा है, जनता तक थोक में बहक रही है तो यह भी हो सकता है।’’
वे बोले - ‘‘ मुझे तो लगता है कि बीवी जब सीधे सीधे कहे कि उसे विदेश घूमना है तो उसकी बात मान लेना चाहिए वरना दिक्कत हो जाती है। दो-दो तीन-तीन शादी करने के बाद भी कलाकार औरत के मन की बात समझ नहीं पाएं तो उनके नंबर कटना चाहिए। क्या कहते हो ?’’
‘‘ बात में दम है भई, औरतें अपने मनोभाव अनेक तरीके से व्यक्त करती हैं लेकिन आज तक किसी मेनेजमेंट कोर्स में इस जटिल विषय को पढ़ाया नहीं गया है। सुना है भगवान भी आनी देवियों को समझ नहीं पाए और हमेंशा उल्लू बनते रहे हैं।’’
‘‘ मेरी बीवी अगर यह कहती तो मैं उसकी नहीं सुनता, भले ही वह मुझे असहिष्णु कहती ।’’ उन्होंने अपनी मूंछों वाले स्थान पर हाथ फेरते हुए कहा। मैंने कहीं पढ़ा था कि दुनिया के सारे पति असहिष्णु होते हैं इसीलिए सहिष्णुता की पूर्ति के लिए कुछ बेचारी स्त्रियों को प्रेमी भी रखना पड़ते हैं।
‘‘ सारा देश इस समय यही सोच रहा है कि आमिर आखिर चाहते क्या हैं, उन्हें परेशानी क्या है !?’’
कुछ देर चुप रहने के बाद वे बोले-‘‘ मुझे लगता है कि मामला सिर्फ एक ट्रांजिस्टर का है। एक बार देश को डपट लें, जनता में हीन भावना भर दें, लोग सहम जाएं तो फिर अगली फिल्म में वो ट्रांजिस्टर भी हटा लें। पिछली बार ट्रांजिस्टर इसीलिए थामना पड़ा था कि डायरेक्टर बार बार यही कह रहा था कि देश में इतनी सहिष्णुता नहीं है, थामे रहो। अब एक बार आश्वासन मिल जाए, सरकार कह दे, विरोधी कंधे पर उठा लें तो उनका एक सपना पूरा हो जाए। ट्रांजिस्टर का जमाना वैसे भी खत्म हो गया है, अब मोबाइल फोन इस्तेमाल हो रहा है। एक बार माहौल बन जाए तो फिर मोबाइल की भी क्या जरूरत रह जाती है। तुम्हारा क्या खयाल है ?’’
‘‘ आपकी बात में दम तो है। भारत अभी इतना गरीब नहीं हुआ है कि एक ट्रांजिस्टर के कारण उसकी सहिष्णुता संदेह के दायरे में आ जाए।’’
हमें आमीर को आश्वस्त कर देना चाहिए कि वे पूरी उदारता से, खुल कर आगे आएं। शरम का तो खैर कोई सवाल ही नहीें है, कलाकार हैं सो होना भी नहीं चाहिए। आपको जैसी जितनी सहिष्णुता चाहिए उतनी यहीं मिलती रही है, और मिल जाएगी। देश में हज्जारों लोगों के तन पर कपड़ा नहीं है, एक आप और दिख गए तो कौन सा पहाड़ टूट जाएगा। देवी देवताओं की तो खुद उनके भक्त ही परवाह नहीं करते आप जैसा कोई खिल्ली उड़ाए तो किसीने पहले भी माइंड नहीं किया है। अच्छे पति बनो और दोनों कानों का इस्तेमाल किया करो, यानी एक कान से सुनो जरूर लेकिन दूसरे का उपयोग भी किया करो...... । तो आमीर, ..... यहीं रहो भाई, जितनी सहिष्णुता यहां हैं वो कम नहीं है।
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