मंगलवार, 29 अगस्त 2023

डेवलपमेंट इसी को कहते हैं





 


         “विकास के बम चौतरफा फूट रहे हैं और आप जनाब अभी ‘भारत एक खोज’ पढ़ने में लगे हैं !!” अंदाज उनका ऐसा था मानों उन्होंने हमें कालर से रंगेहाथों पकड़ लिया । हम खिसियानी हँसी के साथ पेश होने के आलावा और क्या कर सकते थे । वे जारी रहे – नेहरू नेहरू सुनाने का यह मतलब नहीं कि लोग नेहरू दर्शन में घुस जाएँ । समय-काल का ध्यान रखना चाहिए, खासकर उनको जो जनता केटेगिरी के हैं । देखो आगे, चलो पीछे । यही नीति है, यही मन्त्र है, इसी में नया विकास छुपा हुआ है । देश को प्रेम करने के लिए यह सब करना आना चाहिए । याद रखो यह कला है, सबसे बड़ी है । कला से प्रेम यानी देश से प्रेम ।

          हम एक नयी व्यवस्था देने जा रहे हैं । लोगों को जान कर खुश होना पड़ेगा कि नये लोकतंत्र में विपक्ष नहीं होगा । क्या जरुरत है विपक्ष की । बिना मतलब की रस्साकशी । अभी जनता विपक्ष को मरने नहीं दे रही है और हम जीने नहीं दे रहे हैं । दोनों का काम हल्का हो जायेगा । जरुरी हुआ तो संसद की शोभा के लिए विपक्ष की कुर्सियों पर पुतले रख देंगे, चीन में सस्ते बनते हैं । बहस की जगह भजन कीर्तन चलेगा और देश में दैवीय ऊर्जा बहेगी । रेल के डब्बे में सब अपने वाले हों तो यात्रा कितनी सुखद और सुरक्षित हो जाती है । अभी सारा भ्रष्टाचार वोट के कारण होता है । विपक्ष नहीं होगा तो वोट का झंझट ख़त्म । किसको वोट दें किसको नहीं, यह सोचने के तनाव से जनता भी मुक्त हो जाएगी । देश मजबूत हाथों में है यह मिडिया,टीवी, इडी वगैरह से सबको पता चल चुका है । सरकार के लिए न कोई लाड़ला होगा न लाड़ली ।  जो पैसा बचेगा उससे एक नयी बुलेट ट्रेन खरीदेंगे, विकास तेज होगा । आपाधापी में कुछ लोग छूट जाते हैं । हमारे लाड़ले विधायकों, सांसदों ने बड़े त्याग किये हैं । आपातकाल में जेल गये थे । उनके प्रति सरकार का यानी देश कुछ कर्तव्य बनता है । आगे आप समझदार हैं । अच्छे सुझाव दोगे तो मान भी लेंगे ।

          हाँ हमें पता है कि विपक्षियों के बहकावे में आ कर आप लोग महंगाई का रोना रोने लगते हो । कम अक्ल हो, उनकी बातों में आ जाते हो । दरअसल महंगाई विकास का थर्मामीटर है । महंगाई से ही पता चलता है कि लोगों की पर्चेसिंग पावर कितनी बढ़ गई है । गरीब से गरीब भी खरीद रहा है, खा-पी रहा है और क्या चाहिए । महंगाई तो मात्र एक नारा है विपक्ष का । शर्म आनी चाहिए उन्हें । जनता बड़े मजे में भजन-भंडारों में लगी है और ये छाती कूट उनके आनंद-आस्था में खलल पैदा करते हैं ! उन्हें बेरोजगारी का नाम ले कर डराते हैं । विपक्ष के आलावा कौन बेरोजगार है, बताइए । सबके हाथ में डाटा है, सब काम में लगे पड़े हैं । किसी के पास घड़ी भर की फुर्सत हो तो बताओ ? बेरोजगारी होती तो लोग आन्दोलन करते, नारे लगाते, काले झंडे दिखाते । सब मजे में हैं । किसी को कोई शिकायत नहीं है । हर सप्ताह एक विश्वविद्यालय खोल रहे हैं और हर दूसरे दिन एक कालेज ।  डिग्री का महत्त्व जानती है सरकार । रोजगार से ज्यादा नाक बचाने में डिग्री का महत्त्व होता है । डिग्री सबको मिलेगी, एक नहीं दो दो तीन तीन मिलेगी । भर भर के लो । बाज़ार में निकलो कभी देखने के लिए । सब्जी-भाजी वाले, गोलगप्पे वाले, चाय वाले, जूता पालिश वाले, सब डिग्रीधारी मिलेंगे । और कितने नीचे तक विकास चाहिए । पन्द्रह साल पहले छोटे छोटे काम करने में लोगों को शरम आती थी, अब देखो, सब कर रहे हैं मजे में । डेवलपमेंट इसी को कहते हैं ।

 

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रविवार, 27 अगस्त 2023

पॉश कालोनी में जिन्दा लेखक





  

             कल बड़ी हलचल रही, कालोनी वालों ने पहली बार जिन्दा लेखक देखा । पहले तो किसी को विश्वास नहीं हुआ कि इतने पॉश इलाके में जिन्दा लेखक कहाँ से निकल आया !! कालोनी अध्यक्ष ने कहा कि हाथ लग गया है तो देख लो सब लोग शाम को । कालोनी पॉश है, समस्या कुछ है नहीं, लेकिन कुछ न कुछ तो करना ही पड़ता है । लक्ष्मीनारायण शाह जब से कालोनी के अध्यक्ष बनें हैं लगातार कुछ न कुछ नया दिखाते रहते हैं । पिछले महीने कठपुतली का प्रोग्राम रखा था, उसके पहले बन्दर और मदारी का । इसकी खास बात यह थी कि बन्दर मदारी को नचा रहा था जैसे आजकल नेता जनता को नचाते हैं । शाह साहब के पास हमेशा नए नए आइडिया रहते हैं । नए साल पर उन्होंने पानी-पूरी के साथ विस्की-पूरी का स्टाल भी लगवाया था । लोगों को उनके कार्यक्रमों का शिद्दत से इंतजार रहता है । उन्होंने वादा कर रखा है कि अबकी भालू दिखायेंगे । एक बार मौका आ भी गया था यानी भालू मिल गया था । लेकिन पिछले चुनाव में मात्र पांच वोटों से हारे भूतड़ा साहब ने अपने समर्थकों के साथ आपत्ति ली कि जब पॉश कालोनी में गाय प्रतिबंधित है तो भालू बन्दर कैसे अलाऊ हो सकते हैं !  हालाँकि मिसेस भूतड़ा अन्दर ही अन्दर पति के विरोध का विरोध कर रही थीं । दरअसल उन्हें भालू के साथ सेल्फी लेनी थी । यह भी एक मजबूत कारण था कि भूतड़ा साहब भालू को कालोनी में नहीं आने देना चाहते थे । ड्राइंग रूम में भालू के साथ उनकी बीबी का फोटो लगे इसकी कल्पना से खुद उनके रोंगटे भालू जैसे हो जाते हैं ।

             हाँ तो कालोनी के वाट्सएप ग्रुप में खबर आई कि आज शाम को सब लोग कम्युनिटी हाल में लेखक को लाइव देख  सकते हैं । लोग चौंक गए । मैसेज के जवाब में कई जिज्ञासाएं आईं । लोग पूछ रहे थे “लेखक क्या होता है !?’ 'दीखता कैसा है ?' यह भी जानना चाहते थे कि सेफ्टी मेजर क्या हैं ? पिछली बार बन्दर देखते हुए मिसेस जन्जीरवाला पास चली  गयीं थीं और उन्हें बन्दर ने नोच लिया था । अब ऐसा नहीं होना चाहिए । पहले से ही सबको बता दीजिये कि कितनी दूर से देख सकते हैं ? महिलाओं ने पूछा ड्रेस कोड क्या है । मिसेस भूतड़ा एंड ग्रुप ने जानना चाह है कि सेल्फी लेने देंगे क्या ? बेहतर हो कि लेखक की फोटो और साईज ग्रुप में डाल दें, बच्चे पूछ रहे हैं कि लाइव लेखक कैसा होता है । लेखक अगर दाढ़ी वाला हो तो पहले बता दें, लोग अपनी रिस्क पर आयेंगे । बहुत से लोग हैं जो दाढ़ी वालों को पसंद नहीं करते हैं । 

                 शाम को लक्ष्मीनारायण शाह कम्युनिटी हाल में लेखक के साथ प्रवेश करते हैं । लोग चौंकते हैं ‘ अरे !! ये तो आदमी है !!’ लेखक कम से कम एलियन जैसा तो होना चाहिए वरना उसमें देखने का क्या है !  ये तो गरीब जैसा दिख रहा है ! इससे अच्छा तो अपना हीरालाल माली दिखता है । मिसेस जन्जीरवाला ने चिल्ला कर पूछा हम छू कर देखेंगे । एक आवाज आई कि इनका आधार कार्ड बताओ । भूतड़ा बोले ये असली लेखक है इस बात का क्या प्रमाण है ? ऐसे तो कोई भी किसी को भी पकड़ लायेगा कि लो भई लेखक को देखो । पीछे से सिंग साहब तैश में उठे, ओजी बेवकूफ बना रहे हो ! किसने बोला कि लेखक ऐसा होता है ! चलो ओए चलो, इसके तो सींग भी नहीं हैं ! इसमें देखने का क्या है । सब उठ कर जाने लगे । 

           मिसेस भूतड़ा एंड ग्रुप पास आ कर बोलीं – ‘एक सेल्फी ले लें प्लीज ‘ ।

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