शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

देशभक्ति वाला खून .

                             डाक्टर ने रिपोर्ट देखते हुए कहा कि ‘‘आपके खून में चिकनाई बहुत है।  मेरा मतलब  है .... खाये से अधिक चिकनाई. ...... कभी भी सीबीआई का छापा पड़ सकता है।’’
          वे चिंतित हो गए। उनके चेहरे का रंग ऐसे उड़ने लगा जैसे दंगों की अफवाह उड़ती है। कोई और होता तो गिर पड़ता, लेकिन वे पहले से ही इतने गिरे हुए थे कि अब और संभावना नहीं बची थी। ऐसे आकस्मिक मिथ्यावार पर वे अक्सर चीखते हैं, झल्लाते हैं लेकिन यहां अभी कैमरामेन नहीं है, मीडिया नहीं है तो कोई फायदा भी नहीं है। कुछ देर पूरे ढ़ीठपन के साथ अपनी मजबूरियों की उन्होंने जुगाली की, फिर बोले -  ‘‘ चिकनाई-विकनाई का तो ठीक है डाक्साब, देशभक्ति कितनी है ये बताओ ?’’
                      ‘‘ देशभक्ति खून में नहीं होती है।’’ डाक्टर पर्चा रखते हुए बोले।
                   ‘‘ ऐसे कैसे नहीं होती है !! जब हुजूर ने कहा है कि उनके खून में देशभक्ति है तो  इसका साफ मतलब है कि खून में देशभक्ति होती है। ’’ हुजूर की इज्जत के लिए वे थोड़ा हुमके।
                     ‘‘ होती होगी, पर खून की जांच रिपोर्ट में देशभक्ति नहीं आती है। ’’ 
                    ‘‘ ऐसा कैसे !! आप फिर से टेस्ट करवाइये। जो चीज खून में है वो रिपोर्ट में बराबर आना चाहिए। वरना समझ लीजिए हमारा मौका आया तो डाक्टरी साइंस पर हमें जांच बैठाना पड़ेगी।’’
                    ‘‘ हो सकता है कि  हुजूर के खून में हो,.... आपके खून में ना हो ।’’ डाक्टर ने गुगली फेंकी ।
                  ‘‘ क्या बात करते हैं आप !! ऐसा कैसे हो सकता है कि  हुजूर के खून में है और हमारे खून में नहीं है।’’
                    ‘‘ आप  हुजूर के खानदान वाले हैं ?’’
                    ‘‘ नहीं, खानदान के नहीं पार्टी के हैं। ’’
                     ‘‘ पार्टी और खानदान में फर्क होता है।’’
                    ‘‘ दूसरों के लिए होता होगा, ...... हमारे लिए नहीं। छोटे हैं तो क्या हुआ, हुजूर मांई-बाप हैं हमारे।’’
                    ‘‘देखिए, हर आदमी का खून अलग अलग होता है। कोई ए, कोई बी, कोई एबी, कोई .....’’
                   ‘‘ हां हां, सब जानते हैं हम,... ए बी। ...... हमारी पार्टी में सबका खून सी-पाजीटिव है। हाई कमान से लेकर हमारे पार्षद पति की बीवी तक सब सी-पाजीटिव हैं।’’
                     ‘‘ सी-पाजीटिव !! .... खून में सी-पाजीटिव नहीं होता है श्रीमान जी। ’’
                    ‘‘ लेकिन पार्टी में होता है। आप ठीक से देखिए, मेरा भी सी-पाजीटिव होगा। ’’
                   ‘‘ माफ कीजिए, आपका बी-पाजीटिव है।’’
                   ‘‘ बी-पाजीटिव !! आप कहना क्या चाहते हैं। क्या मैं बीजेपी में हूं ? .... देखिए डाक्साब, ये अच्छी बात नहीं है। अगर मीडिया वाले यहां होते तो कल के कल में मेरा केरियर चैपट हो जाता। जानते हैं, बी-पाजीटिव वालों से हमारे हुजूर बात तक नहीं करते हैं।’’
                    ‘‘ और ए-पाजीटिव वालों से ? उनसे बात करते हैं ?’’
                    ‘‘ उनकी खांसी ठीक हो जाए तो बात कर सकते हैं, ..... वो अच्छा काम कर रहे हैं, दिल्ली के ही हैं। और भी कई कारण हैं जिसके चलते हुजूर ए-पाजीटिव वालों को एकदम नापसंद नहीं करते हैं। ....... अच्छा एक बात बताइये, क्या ए और बी पाजीटिव खून में भी देषभक्ति होती है ?’’
                      ‘‘ रिपोर्ट में तो नहीं देखा आजतक ।’’
                     ‘‘ सही कहा, ..... रिपोर्ट में कैसे आएगा जब खून में देश भक्ति होगी ही नहीं। ...... लेकिन डाक्टर साब, प्लीज, ये बात बाहर नहीं जाना चाहिए कि मेरे खून में क्या है और क्या नहीं है।’’ 
                      ‘‘ आप चिंता मत कीजिए, हम सारी रिपोर्टें गोपनीय रखते हैं। वैसे भी आपके खून में चिकनाई के अलावा और कुछ नहीं है। ’’
                       ‘‘ क्या करो डाक्साब, राजनीति में चिकनाई के लिए ही तो जाता है आदमी। चिकनाई ना हो तो देशभक्ति के मायने क्या हैं। ’’
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