सुबह अचानक
खबर फैली कि चौक वाले गाँधीजी जिस लाठी को लिए खड़े हैं उसमें कोपलें फूट आई हैं !
सबसे पहले सेल्फी लेने वालों की भीड़ उमड़ी उसके बाद कमर कस के मिडिया वाले उतरे . चन्द
मिनिटों में लाठी देश भर में ब्रेकिंग न्यूज के साथ लाइव हो गई . हर चैनल का दावा था कि वो ही सबसे पहले ये खबर आप तक
पहुंचा रहे हैं . स्टूडियो में बैठी सुंदरी मंथरा सिंह ने चरचराती आवाज में चीखते
हुए बताया कि चैनल को उनके विश्वस्त खोजी सूत्रों से पता चला है कि गाँधीजी भी
लाइव होने जा रहे हैं और कुछ कहने के लिए उन्होंने खादी पार्टी के ‘पीएम-इन-ड्रीम’
को बुलवाया है . हमारे प्रतिनिधि पत्रकार रवि जलजला मौके पर मौजूद हैं . “रवि, लाठी
में कोपलें फूट चुकी हैं, आप प्रतिमा के पास जा कर यह पता लगाइए कि क्या गाँधी जी
की धडकनें भी चालू हो रही हैं ? “
रवि ने अपने तर
गले से सूखी आवाज में बताया कि “आप ठीक कह रही हैं मंथरा, अभी अभी मैंने गाँधी जी
धड़कन सुनी हैं . उनका दिल असामान्य धड़क रहा है . लग रहा है जैसे पास कहीं से ट्रेन
गुजर रही हो .” रवि का वाक्य समाप्त होने
के पहले स्क्रीन पर ‘ब्रेकिंग न्यूज’ का ब्रेकिंग डांस होने लगा . साथ ही मंथरा
स्थानीय प्रशासन को लापरवाह बताते हुए मांग कर रही थीं कि मेडिकल टीम द्वारा गाँधी
जी का बीपी और ईसीजी चेक करवाया जाए. आखिर वे देश के बापू हैं और हर नोट पर उनकी
तस्वीर छपी हुई है . दिल दिमाग में हों न हों पर हर नागरिक की जेब में वे अवश्य
होते हैं.
खादी पार्टी के प्रवक्ता का बयान आया कि गाँधी
जी यह सन्देश दे रहे हैं कि जब उनकी लाठी में कोपलें फूट सकती हैं पार्टी में भी नई
जान फूंकी जा सकती है . पार्टी ने फैसला किया है कि वो गाँधी जी की इस प्रतिमा को
दिल्ली लाएगी और मार्गदर्शन लेगी. ब्रेकिंग न्यूज का कैबरे हुआ – गांधीजी को
दिल्ली लाया जाएगा और पार्टी उनका इलाज बड़े अस्पताल में करवाएगी . दिल्ली की दूसरी
सरकार वाले बोले – केंद्र सरकार बजट में कटौती कर रही है जिसकी वजह से हमारी सरकार
को अपने हिस्से के पूरे गाँधी नहीं मिल रहे हैं . बावजूद इसके बापू दिल्ली लाए
जाते हैं तो हम बिजली-पानी मुफ्त देंगे और उनका वोट लेंगे . इसमें कोई पार्टीवाद
या जातिवाद नहीं चलने दिया जाएगा .
तत्काल
प्रदेश के मुख्यमंत्री लाइव हुए और बोले कि गाँधी जी को कहीं ले जाने नहीं दिया
जाएगा . कोपलें हमारे प्रदेश में फूटी हैं तो इसका मतलब साफ है कि यहाँ लाठी की
जड़ें गहरी हैं . सरकार आभारी है कि बापू ने स्टार्ट-अप के लिए प्रदेश को चुना है .
लाठी का यह पेड़ कल बड़ा होगा और उसमें लाठियों की फसल आएगी . प्रदेश में कानून और
व्यवस्था के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं उसे गाँधी जी का समर्थन मिलने से सरकार को
बल मिला है . रहा सवाल धडकनों का तो हम कोशिश करेंगे कि जो तीन गोलियां अन्दर फंसी
पड़ी हैं अब उन्हें निकलवा लें . उनकी कमर में लटकी घड़ी में आज भी पांच बज कर सत्रह
मिनिट हो रहे हैं ! एक बार धड़कन ठीक से चलने लगे तो गाँधी जी को एक डिजिटल वाच दी
जाएगी कलाई वाली . इधर देर से चुप बैठी चौधरानी बोल पड़ी-- पीपल जब मुंडेर पर उग
सकता है तो गांधीजी की लाठी पे क्यों नहीं ! चौधरी ने घुड़क दिया – ओए चुप कर ...
तू चेनल वालों से ज्यादा अक्कल वाली हो गई है क्या !!
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