शनिवार, 14 अगस्त 2021

एक अनुभव है आजादी

 




                            देखिये एक बात समझ लीजिये, आजादी व्यवहार में लाने की नहीं अनुभव करने की चीज है . ये डेवलपमेन्ट का एक नया कांसेप्ट है . इसलिए कुछ और अनुभव करने की न तो आपको जरुरत है और न ही इजात . आप आजाद हैं सिर्फ इस बात को अनुभव कीजिये . अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि मुँह बंद रखिये, बोलिए मत . बोले कि अनुभव ख़त्म . विक्रम-बेताल का पता है ना ? राजा ने मुँह खोला और अनुभव का बेताल उड़ा . जो बोलेगा वो अनुभव नहीं करेगा और जो अनुभव नहीं करेगा उसकी आजादी ख़त्म . मन एकदम शांत होना चाहिए . कोई कितना भी महंगाई को ले कर उकसाए, पेट्रोल के भाव बतलाये, कोरोना वाले मौत के आंकड़े गिनवाये आप विचलित नहीं होंगे, शांति से बैठेंगे . जिस समय आजादी का आनंद लेने की प्रक्रिया चल रही हो उस समय किसी भी प्रकार का विचलन देशद्रोह माना  जायेगा . सरकार चौकीदार है, जनता के लिए अनुभव की कठिन तपस्या में अगर कोई बाधक बनेगा तो उसे उठवा कर खाड़ी में फैंक दिया जायेगा . कुछ गुमराह नौजवान ‘आजादी-आजादी’ का नारा लगा रहे थे . सुना होगा आपने, हमारे टीवी वाले सहयोगियों ने इसका खूब प्रचार किया था . उन लोगों को गलतफहमी के आलावा कुछ नहीं मिला . उनके पास आजादी हैं पर वे अनुभव नहीं करते हैं .  ‘सरकार जनता की सेवक है’ यह सुनने में कितना अच्छा लगता है . अगर महसूस करेंगे तो और अच्छा लगेगा . आपको राजा वाली फीलिंग आ जाएगी . सरकार जिसकी सेवक हो उसे तो समझो स्वर्ग मिल गया, आप बैठिये और इसको अनुभव कीजिये .

                        लोग रोजगार को लेकर बकवास करते रहते हैं और जनता को कुछ भी अच्छा अनुभव नहीं करने देते हैं . अरे भाई, आप वोट देते हो और सरकार बनवाते हो . मालिक हो आप देश के, आपको न खाने की चिंता होनी चाहिए न ही दावा-दारू की . सबको मुफ्त राशन मिलेगा, दावा-दारू मिलेगी, घर में टीवी है ही, रेडियो भी होगा . मजे में खाइए और न्यूज चेनल देखिये, रेडियो में मन का गाना सुनिए . सोचिये जरा, अनुभव कीजिये, कैसा लग रहा है आपको !? मजा आ रहा है ना ? अनुभव कीजिये इस मजे को . दोष देने से, कूढने से, कोसने से सरकार का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है . फिर काहे के लिए मगजमारी ! हास्य क्लब देखे होंगे,  इसकी सदस्यता ले लो फटाफट . वे सारे लोग बिना किसी बात के खूब हँसते है ! कई बार तो ठहाके लगा लगा कर आकाश गूंजा देते हैं ! तो क्या ये समझदार लोग पागल हैं ? ये अन्दर से चाहे कितने भी परेशान और दुखी हों हँस हँस कर अपनी सोच बदल लेते हैं . आप भी हँसा करो, समाचार पढ़ो तो हँसो, समाचार देखो तो हँसो, पेट्रोल भरवाओ तो हँसो, दाल पतली हो तो हँसो, बिना डाक्टर-दावा या आक्सीजन के मर जाओ तो हँसो . फिल़ासफी की मदद लो, सोचो क्या ले कर आये थे और क्या ले कर जाओगे ! ये दुनिया एक सराय है, आपको हमको सबको एक न एक दिन जाना पड़ेगा . कोई अमर नहीं है . फिर जबरदस्ती की हाय तौबा क्यों ! सोच कर देखो कि आमिर को कितनी महँगी मौत मरना पड़ता है ! लेकिन गरीब आदमी मजे में और सस्ते में मर लेता है . कितनी अच्छी बात है ये ! अगर सरकार गरीबों की शुभचिंतक नहीं होती और अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रही होती तो लाल झंडे वाले क्या मजे में बैठे कहीं तीन पत्ती खेल पाते ! हाँ, कुछ लोगों को शिकायत हो सकती है कि अपराध बढ़ गए हैं . दरअसल चोरी करने वाले हमारे भाई लूट-बिजनेस में आ गए हैं . लेकिन किसीको इन छोटी छोटी बातों को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है . आपको घर में सुरक्षित रहने की आजादी है ही . अपने सुना होगा कि संतोषी सदा सुखी . जनता को हमेशा संतुष्ट रहना होगा . इसके लिए कड़े कानून बनाये जायेंगे . जनता का सुख संतोष सरकार की प्राथमिकता है . तो अपने को सख्ती से संतुष्ट अनुभव कीजिये, नमस्कार .

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