बुधवार, 18 अगस्त 2021

सोते रहिये, कोई खतरा नहीं है !


 

खतरा जागने वाले को महसूस होता है . जो सोता रहता है वह भले ही मारा जाये पर उसके लिए न खतरा न डर किसीका . कहते हैं जो डर गया वो मर गया . जागने वाला डर के साथ मरता है, सोने वाला मजे में बिना डर के मर जाता है . मरते दोनों हैं पर फायदे में सोने वाला हुआ . कबीर ने कहा है कि “दुखिया दास कबीर, जागे और रोवे ; सुखिया सब संसार, खावे और सोवे”. अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है उससे हमें जरा भी चिंतित होने की जरुरत नहीं है . हमें क्या ! मस्त रहो मस्ती में, आग लगे बस्ती में . हमारे देश में कोई तालिबान थोड़ी है, न ही कोई तालिबानी हरकत . यहाँ सब प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं . एक दूसरे के धर्मों का आदर जी जान से करते हैं . न कोई किसी को धमकाता है डराता है . मौके बेमौके कुछ हो जाये तो एक दूसरे के सम्मान में जरा सा पत्थर वत्थर भले ही फैंक लें, पांच पचास घायल भी हो जाएँ लेकिन उसके बाद तुरंत स्थिति सामान्य होने में वक्त नहीं लगता है . सहिष्णुता और समझदारी से लबालब है देश की जनता . दुनिया हमें गाँधीवादी यूं ही नहीं कहती है . देश भर में एमजी रोड क्यों बनाये हैं बताइए ! शांति मार्च निकालने के लिए . हजारों की संख्या में चौराहे चौराहे पर गाँधी जी लाठी ले कर खड़े हैं . असली चौकीदार गाँधी जी हैं . चोर चौकीदार से डरते हैं इसलिए समय समय पर उनके गले में माला डाल कर उनकी गुडबुक में बने रहने की कोशिश करते रहते हैं .

यह ठीक है कि हम विश्व शांति के समर्थक रहे हैं . आज भी हैं, लेकिन देखिये अमेरिका को ! फटे में में पांव घुसाने का नतीजा क्या मिला ! माया मिली न राम, मुफ्त में हो गए बदनाम . कोई कबीलायी मानसिकता का है तो है, हमारे यहाँ तो कोई नहीं है . वो हजार साल पीछे ले जाना चाहते हैं मुल्क को, लेकिन हमारे यहाँ तो सब प्रगतिशील हैं . तालिबान जहाँ हैं वहां अपने लोगों को मार रहे हैं तो समझिये कि उनका घरेलू मामला है . वो आपस में भाई भाई हैं, उनकी वे जानें . राम की चिड़िया राम का खेत; खा ले चिड़िया भर भर पेट . वहां की औरतें रो रो कर बुरखा पहन रही हैं . वे जानती हैं कि जिन्हें देख लेना है वो बावजूद बुरखे के देख लेंगे . 15 से 45 वर्ष की औरतों को आगे के सफ़र के लिए सूचि में दर्ज कर लिया गया है . यह बहुत बुरी बात है, लेकिन हमें क्या ! हमारे यहाँ ऐसा कुछ नहीं है . यहाँ महिलाएं पसंद का कुछ तो भी पहनने के लिए स्वतंत्र हैं, कहीं भी बेफिक्र हो कर अकेले घूमफिर सकती हैं कोई दिक्कत नहीं है . लुच्चे लफंगे छेड़छाड़ तक नहीं करते हैं . लड़की चाहे गरीब ही क्यों न हो, उसकी मज़बूरी का कोई फायदा नहीं उठता है . रहा सवाल बलात्कारों का तो वो एक अलग बात है . एक सौ पैंतीस करोड़ की जनसँख्या में प्रतिदिन मात्र एक सौ बलात्कार होते हैं ! आप जरा सोचिये कितने कम हैं . इससे न देश की प्रतिष्ठा को धक्का लगता है और न ही व्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरुरत है . कल का हमें नहीं पता लेकिन आज लड़कियों को कोई घर से जबरदस्ती उठा कर नहीं ले जाता है . और क्या चाहिए अच्छी नींद के लिए ! जब तक जागने की जरुरत नहीं हो, सोते रहिये . पानी नाक तक नहीं आ जाए तब तक कोई खतरा नहीं .

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