“देखो ये क्या लिखा है मैसेज में ... फोन में 90 डिग्री सर झुकाए रहने से गरदन की हड्डी पर 25 केजी का लोड पड़ता है और 30 डिग्री सर झुकाने से 20 केजी का लोड पड़ता है . समझे ?” देवी ने अपना फोन आँखों में घुसेड़ते हुए बताया .
“ठीक है ठीक है , अब क्या
फोन को रोहिंग्या बनाके मेरे अन्दर घुसा
कर दम लोगी ! ... चलो ... ओके ... अब सर सीधा करके देखूंगा ... थेंक्यू .” भक्त ने
सहमति के छींटे मारे .
“सीधा सर करके फोन देखने से पांच केजी का लोड
पड़ता है गरदन पर . इसलिए कह रही थी कि पूरा पढो मेसेज . बड़े आये समझदार कहीं के .”
“ तुम्हें गरदन की पड़ी है ! लव जिहाद से कितना
लोड पड़ रहा है जानती हो ! ... चलो ठीक है ... मैं लेट कर ....”
“लेट कर पढ़ने से आँखों पर जोर पड़ता है ! चश्मा
मोटा करोगे क्या ! दिन भर मोबाईल में ऐसे
घुसे रहते हो जैसे घर जवाई हो एप्पल के ! तुम्हारे जैसे लोग इतना डाटा खाते
हैं कि अम्बानी ने लन्दन में घर खरीद लिया . इसी तरह लगे रहे तो एक दिन उनको शिफ्ट
भी करवा के मानोगे .”
“अच्छा !! अम्बानी ने लन्दन में घर खरीद लिया !”
भक्त चौंके .
“घर नहीं महल, 592 करोड़ का
है . 300 एकड़ में फैला हुआ है . 40 बेडरूम हैं .”
“40 बेडरूम ! अच्छा है अगर वो लव जिहाद करे तो .
वरना एक कपल को इतने बेडरूम क्यों चाहिए भला !?”
“झाड़ू पोंछे के लिए, नौकर
चाकर कितने हैं उनके पास पता भी है !
लेकिन तुम्हें इतना सोचने की क्या जरुरत है ...”
“है क्यों नहीं, आखिर इन
40 बेडरूमों में हमारा पैसा भी लगा है . हर माह रीचार्ज नहीं कराता हूँ क्या ?”
“अब समझ में आया ना, अगर
डाटा का भाटा लिए बैठे नहीं रहते तो आज अपना भी एक बड़ा सा घर होता .” वे बोलीं .
“क्या करतीं बड़े घर का ! महरी कितनी छुट्टी
मारती है ... फिर भी उसी से निबाहना पड़ता है है या नहीं ?”
“मैं यहाँ की नहीं लन्दन की बात कर रही हूँ “.
“मुझे नहीं रहना लन्दन में किसी भी कीमत पर . “
“लेकिन मुझे तो रहना है , कितना
अच्छा मौसम रहता है वहां, गार्डन, फूल,
गुलाबी ठण्ड और ...”
“और गोरी गोरी मेमें .”
“आ गए ना अपनी औकात पर ! तुम मर्द लोग सारा सारा
दिन गोरी मेमें देखते रहते हो युट्यूब पर ! क्या मैं जानती नहीं .”
“ल्लो ! अब घर पर खाली बैठा आदमी ये भी नहीं करे
यो क्या करे ? और फिर इससे होता क्या है ... न उनकी इज्जत
जाती है न मेरा चरित्र ख़राब होता है . जस्ट टाइम पास .”
“घर वालों के लिए नहीं है तुम्हारे पास टाइम,
सारा का सारा उधर ही पास कर दिया करो . “
“अरे भागवान तुमको तो चाहिए कुछ न कुछ कहने के
लिए . ‘जागो हिन्दू जागो’ मुहीम भी तो है . बहुत जिम्मेदारी का काम है . हिन्दुओं
को जगाना समय की मांग है .”
“तुम्हें कैसे मालूम कि हिन्दू सो रहे हैं ?!”
“ढेरों मेसेज आते हैं, एक-दो
झूठ हो सकते हैं सारे थोड़ी . अच्छा तुम कैसे कह सकती हो कि हिन्दू जाग रहे हैं ?”
“अरे खूब पढ़ लिख रहे हैं, अपनी
लड़कियों को पढ़ा रहे हैं, नए क्षेत्रों में काम कर रहे हैं,
बड़े बड़े ओहदों पर हैं, जनसँख्या नियंत्रण में
है, सामाजिक बुराइयों को मिटा रहे हैं . कूढ़ मगज नहीं हैं .
ये जागा हुआ समाज ही कर सकता है .”
“गलतफहमी है तुम्हारी . जिसे तुम जागना कह रही
हो असल में वही सोना है . अपना इतिहास और संस्कृति भूलने वाले सोए हुए ही होते हैं
. हर बार आगे बढ़ाना ही विकास नहीं होता है, कुछ मामलों में
पीछे जाना भी विकास है . जानती हो हमारे पास कभी पुष्पक विमान था. ”
“वाट्स-एप से बन जायेगा तुम्हारा पुष्पक विमान ? अजीब बात है ! तुम जैसे लोग अपने को जागा हुआ और बाकि को सोया मान रहे
हैं . और मजे की बात ये है कि सब एक दूसरे को जगा रहे हैं . संक्रमण की यह बीमारी
पहले तो नहीं थी !”
“चलो छोडो अब, कल ही एक
मेसेज आया है कि स्त्रियों से बहस नहीं करना चाहिए इससे समय, शक्ति और बुद्धि तीनों का नाश होता है .”
“ठीक है अब मांगना चाय . फेसबुक वाले पांच हजार
फ्रेंड ही पिलायेंगे . सब्जी रोटी की राजस्थानी थाली देखते हो ना ... उसी से पेट
भर लेना अब और दस लाइक और चार कमेन्ट मिल जाएँ तो मोटे हो जाना . जाने किन मूर्खों
के चाले में पड़े हैं, खुद सोये हैं दूसरों को जगाने चले हैं
! निखट्टू कहीं के .” देवी बड़बड़ाते हुए निकल लीं .
भक्त गाँधी-नेहरू को कोसते हुए फिर फोन में घुस
गया . पप्पू का एक वीडियो आया है जिसमें आलू से सोना बनाने जा रहा है . दूसरे में
वह आँख मार रहा है, तीसरे में छत्तीस को पछत्तीस बोल रहा है.
भक्त सारे वीडियो इधर से उधर दनादन फॉरवर्ड कर विकास में अपना योगदान करने में
व्यस्त हो गया है . खुद बड़े नहीं हो पा रहे हों तो दूसरों को छोटा करना भी दांव है
. दंगों की क्लिपिंग भक्तों का इतिहास है . कोई महंगाई और पेट्रोल की कीमत पर कुछ
कह देता है तो उसे फटकार मिलती है कि ‘सालों, पेट्रोल पियोगे
क्या !?’ जरुरी मुद्दों को गैर जरुरी और गैर जरुरी को जरुरी
बना देना सोशल मिडिया का कमाल है . जनता हर समय डरी हुई रहना चाहिए . इसके लिए हर
तीसरे मेसेज में से चंगेज खान निकालना पड़ता है . जिन्होंने कभी ‘हम दो हमारे दो’
के चलते एक या दो बच्चे पैदा किये वो बेवकूफ हैं, उनके कारण
कौम खतरे में है . डरे हुए लोग घर्म को
जल्दी ग्रहण करते हैं और धर्म राजा को संरक्षित करता है. भोजन-भंडारे और कथा-कीर्तन चलता रहे तो जनता
आँखें बंद कर लेती है . और क्या चाहिए शासक को ! सोशल मिडिया चिराग का जिन्न है जो
हर समय आका के हुकुम की तामील में लगा हुआ है . जिन्न को कहा गया है कि वह जनता को
भेड़ों में तब्दील करे ... और वह काम में लगा हुआ है .
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