अपने ‘भईया-लोग’ भगवान तो नहीं पर
भगवान से कम भी नहीं हैं । लोग कहते हैं कि देश भगवान भरोसे चल रहा है तो अनुभवीजन
बिना देर किये इसकी गहराई को समझ जाते हैं । मानो तो भगवान जी हैं, न मानों तो
जोखिम आपका । सितारे बुलंद हों तो पुलिस जनसेवक है, न हों तो अंतिम सत्य राम है ।
समझदार को इशारा काफी होता है । तो बोलो ॐ शांति ॐ, शांति शांति ॐ ।
बराबरी, स्वतंत्रता और सहयोग के इरादे
से शुरू हुए लोकतंत्र में भईया भगवान हो गए यह बिकास नहीं महाबिकास है । चैनसिंग
उर्फ चेनू उर्फ भईया उर्फ भगवान आज टीवी मीडिया से मुखातिब हैं । कल विपक्ष के एक
नेता मीडिया के सामने कह गए थे कि कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है और सरकार
गुंडों को नियंत्रित नहीं कर पा रही है । जो जेल में सुरक्षित रहता है वो अस्पताल
में मारा जाता है । असामाजिक तत्वों ने आमजन का भी जीना मुश्किल कर दिया है । इसी
के जवाब में आज मंच पर फैले चेनू अपनी बात रख रहे हैं ।
“एक बात समझ लो आप लोग अच्छी तरह से
कि जिसे ये लोग गुंडा-गुंडा कह रहे हैं उनकी सोच पुरानी है । अब गुंडा-कर्म एक
कमाऊ इंडस्ट्री है देश की । गुंडे जी उच्चकोटी की समाज सेवा में लिप्त हैं । G-इंडस्ट्री जहाँ जहाँ काम कर रही है वहाँ हमारे खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है
। सरकार कोई भी हो G-इंडस्ट्री सेवा कर डालने से पीछे नहीं
हटती है । काम जिम्मेदारी से करते हैं, इसलिए हमारा नाम है ।“
एंकर को अपनी जिम्मेदारी और खतरे
पता है, बोली –“सर दरअसल G-इंडस्ट्री के बारे में जनता को पता नहीं है ! उनकी
जानकारी में आप इजाफा कर सकते हैं । ”
“ G-इंडस्ट्री
समाज में एक सक्रिय, आत्मनिर्भर और हाई टर्नओवर कंपनी है । विपक्ष ने इसे असामाजिक
तत्व कह कर अपमानित किया है । सही समय आने पर G-इंडस्ट्री
इसका हिन्दी में जवाब देगी । उन्हें यह देखना चाहिए कि देश बेरोजगारी के संकट से
गुजर रहा है । एक हमारी इंडस्ट्री ही है जिसने युवा हाथों को काम दिया है । क्या
ये देश सेवा नहीं है ! मैं दावे के साथ कह रहा हूँ कि है । यहाँ कोई असहमत हो तो
सामने आ कर अपनी बात रखे ।“ चेनू ने हॉल में नजर दौड़ते हुए कहा ।
एंकर को
कोई बात नहीं सूझती है । ऐसे मौकों पर मुस्कराहट काम में लेती हैं, -“दर्शकों को
एक बार फिर बता दें कि आज हमारे स्टूडियो में खासतौर से G-इंडस्ट्री
के सीईओ चेनू सर मेहमान हैं और मजबूती के साथ अपना पक्ष रख रहे हैं । ... तो सर
आपने बताया कि आपकी इंडस्ट्री इसलिए फलफूल रही है क्योंकि देश में बेरोजगारी है ।“
“ गरीबी
बेरोजगारी पॉलिटिकाल इंडस्ट्री का रॉ-मटेरियाल है । चुनाव में यूज करने के बाद
बाकी टाइम में ये लोग हमारे काम आते हैं । मतलब गरीब सेकंड हेंड, बेरोजगार सेकंड
हेंड हम वापर लेते हैं । हम चाहते हैं इनकी मदद हो, सबका कल्याण हो । नेता भी खुश
रहें, धरम-धंधे वाले भी, साथ में गरीब और बेरोजगार भी । अपने अपने पेट के हिसाब से
सबको भरावन मिले । इसमें कोई बुराई है क्या ?”
“बुराई तो
नहीं है सर, लेकिन आप दूसरे अच्छे काम भी तो करवा सकते हैं इनसे ।“
“नजरिया
बादलों आप लोग । अच्छे काम ही करते हैं । हमारी वजह से ही पुलिस को रोजगार मिला
हुआ है, जेलों का कारोबार चलता है, अस्पतालों को हड्डियों के ज्यादातर केस कौन
देता है, चाकू कट्टे की फेक्टरी में रोजगार किसकी वजह से है ... और बताओ जरा
सरकारें कौन बनवाता है ? “
“सर ऐसी
क्या बात है । अब तो सरकार हम भी बनवाते हैं ।“ एंकर ने मुस्कराते हुए कहा ।
“गलतफहमी
कोई भी पाल सकता है ।“ ceo बोले
।
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