शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

खाल से डरते लोग


दरअसल उसने शेर की खाल औढ़ी हुई थी । नीचे वह क्या है यह किसी को पता नहीं था । जंगल के लोग उसे असली समझ रहे थे । इसी भ्रम के चलते वह जंगल का राजा बना हुआ था । खाल की आदत उसे ऐसी पड़ी कि वह भी अपना असलीपन भूल गया । कुछ समय बाद उसके यहाँ संतान पैदा हुई । नर्स बेचारी ने बच्चे को गोद में देते हुए मुबारक कहा ।  नर्स की आँखों में संदेह के डोरे चमक रहे थे जिन पर परदा डालने के लिए वह बोली – बच्चा बड़ा सुंदर है , बिलकुल हुजूर पर गया है ।
उसने अपनी खाल ठीक की और कहा कि मीडिया वालों से तू कोई बात नहीं करेगी । और इस बात को याद रख कि शेर के बच्चे शुरू शुरू में मेमने जैसे ही दिखाई देते हैं । ... तुझे  बख्शीश में वन बीएचके फ्लेट देता हूँ ।“
बात आई गई हो गई । समय गुजरता गया । अंतिम समय आने पर उसने खाल अपने बेटे को औढ़ा दी और कहा कि अब तुम जरूरत के अनुसार गुफा से बाहर भी निकला करो । बेटे को लगा कि अब वह शेर हो गया है । उसने पिता को दहाड़ते देखा था, उसने भी कोशिश शुरू कर दी । एक दिन घूमते हुए वह गुफा से बाहर निकाला । कुछ दूर चलाने पर खरबूजे का खेत दिखा । खरबूज उसकी कमजोरी रहे हैं । अभी तक वो दूसरों के खाए खरबूजों के किस्से सुनता आ रहा था । वह अपने को रोक नहीं सका । खेत में बाड़ लगी थी लेकिन वह कूद गया । ताजे पके खरबूज का स्वाद उसके खनदान में पहली बार किसी ने लिया । इस सफलता ने उसे सब कुछ भुला दिया । अगले ही क्षण उसकी चिपों चिपों से जंगल में एक सच गूंज उठा ।  जो अब तक साथी और सहयोगी थे उनकी नजरों में राजा गिरने लगा । लोग खाल के नीचे झाँकने लगे । मीडिया उसकी लीद के क्लोजप दिखा दिखा कर अपनी टीआरपी बढ़ा रहा था । आखिर वो दिन भी आ गया जब ब्रेकिंग न्यूज चल पड़ी कि राजा शेर नहीं है । तुरंत उसके प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी सामने आए, बोले वो शेर नहीं है लेकिन उसकी खाल तो शेर की है ।इसलिए वह राजा है’, उसे राजा मानों । 
अब लोग खाल से डर रहे हैं ।
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