गुरुवार, 12 सितंबर 2024

भाईचारे से बचो


 

               अचानक देवराज के फोन पर एक मैसेज आया भाईचारे का। उन्हें विश्वास नहीं हुआ की प्रेम और भाईचारे का मैसेज अभी तक जिंदा है। फोन को बंद करके रीस्टार्ट किया। ऐसा करने से फोन में कोई गड़बड़ हो तो वह दुरुस्त हो जाती है। लेकिन अभी भी वह मुस्कराता मैसेज मौजूद था। कोई मैसेज मिले और उसे फॉरवर्ड नहीं किया जाए तो खुजली होने लगती है हाथों में। ऊपर से नीचे तक एक फड़कन होने लगती है । देवराज का तो रिकॉर्ड है कि जैसे ही कोई मैसेज मिलता है वैसे ही फटाफट सबको दे मारते हैं। सोचने विचारने का तो सवाल ही नहीं है । मान कर चलो कि जिसने मेसेज बनाया होगा उसी ने सोच लिया होगा । वैसे भी नहीं सोचने की आदत पड़ गई है सबको। देवराज ने दस बीस लोगों को पहुंचा दिया, सोचा लोग भी तो देखें कि आजकल प्रेम और भाईचारे के मैसेज भी निकल रहे हैं खुदाई में। देवराज को लगता है सबके लिए यह चौंकाने वाला मैसेज होगा। फ़ौरन से पेश्तर कई लोगों तक यह मैसेज पहुंच गया। धड़ाधड़ वापसी में जवाब आने लगे। साधना, आराधना और मंगलगान में लगे हुए लोग बेचैन हो उठे। कुछ ने फोन कर फटकार लगाई कि -- यह क्या कर रहे हो आप! इस तरह तो हमारे किये-धरे पर पानी फिर जाएगा। आज समय की मांग क्या है इस बात का ध्यान रखो । भाईचारे से हमारे हाथ मजबूत नहीं होंगे । जितने लोगों को भी फारवर्ड किया है सब पर डिलीट मारो फौरन । और आगे से ऐसी गलती नहीं हो याद रहे ।

               दरवाजे पर घंटी बजी, देखा देशप्रेमी जी खड़े हैं। नमस्ते के जवाब में बोले - यह क्या लगा रखा है देवराज आपने! प्रेम और भाईचारे के मैसेज भेज रहे हो सुबह-सुबह! और कितने लोगों को भेज दिया है ! जोशी जी और अगरवाल जी का फोन आया था, नाराज हो रहे थे ।
             " इसमें क्या गलत है जी भाईजी ! मेरे पास मैसेज आया मैंने फॉरवर्ड कर दिया। सब लोग यही कर रहे हैं । आदत पड़ गई है सब लोगों को  ।" देवराज ने उन्हें कुर्सी ऑफर करते हुए सफाई दी ।
            " अरे यार कम से कम देखा तो करो भेजने से पहले । बिना पढ़े समझे मैसेज फॉरवर्ड कर देते हो यह कोई अच्छी बात है। लोग पढ़ेंगे तो क्या समझेंगे कि अब हमारे ये दिन आ गए! हम विकास की जगह प्रेम और भाईचारे के मैसेज भेजेंगे!  लोग कनफ्यूज हो गए तो मुकाम पर लाने में कितनी मशक्कत करना पड़ जाएगी जानते हो !?"
              " मुझे लगा की बहुत समय से लोगों ने इस तरह के मैसेज देखे नहीं है तो उन्हें अच्छा लगेगा। रेसिपी वही अच्छी होती है जिसमें मीठे के साथ खट्टा और कड़वा भी हो थोड़ा । "
               " कैसा दिमाग है तुम्हारा ! हम चाट पकौड़ी की दुकान नहीं चला रहे हैं जो खट्टे कड़वे के साथ मीठा भी जरूरी हो। तुम्हारी छोटी सी गलती बड़े लक्ष्य में विघ्न पैदा कर सकती है। समझते हो या नहीं । "
                         " प्रेम और भाईचारे से तो हम मजबूत होंगे ना भाई जी । इसमें दिक्कत क्या है? "
                         " मजबूत नहीं कमजोर होंगे । दिक्कत ये है कि तुम्हारे जैसे लोगों के कारण साधक लक्ष्य तक पहुँच नहीं पाते हैं । मेसेज डिलीट करो और ध्यान रहे ... हमेशा भाईचारे से बचो ।“

 

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