शनिवार, 21 सितंबर 2024

सेहत अच्छी है ! टेक्स लगेगा जी


 


 


                         “हेल्थ सर्वे चल रहा है । आपको कोई बीमारी है कोई तकलीफ है? बीपी शुगर कुछ? अधिकारी से दिखने वाले व्यक्ति ने पूछा। साथ में दो-तीन लोग और भी थे।
" जी सब ठीक है ।  बीपी शुगर वगैरह कुछ भी नहीं है। "
" बुखार वगैरह कब आया था? "
" काफी टाइम हो गया,  अभी सब ठीक है..। "
" उल्टी दस्त कब्ज वगैरह हुआ कभी? "
" बहुत पहले हुआ था, पिछली बरसात में। उसके बाद सब ठीक है। "
" चश्मा लगाते हो पढ़ते वक्त? "
" नहीं, अभी तो ठीक है आंखें। "
" दांत में कोई कैविटी कोचर वगैरह ? "
"नहीं नहीं । .... सरकार बड़ा ध्यान रख रही है इस बार ! "
" पिज़्ज़ा, बर्गर, बाजार का कुछ तला-गला खाते हो? "
" नहीं जी,  सादी दाल रोटी सब्जी खाते हैं। बस। "
"कोल्ड ड्रिंक वगैरह कुछ पीते हो?"
"कभी नहीं। पानी भी साफ पीते हैं आरो का।"
" सोने का क्या है, कब सोते हो? "
" जल्दी सोते जल्दी उठते हैं साहब। हमारी तो हमेशा की आदत है।"
" मॉर्निंग वॉक को जाते होंगे? आपके पास में तो गार्डन है और खुली हुई सड़क भी। "
"जी हाँ,  मॉर्निंग वाक पर जाते हैं । हमारा पूरा परिवार जाता है।"
" मतलब यह कि सेहत आप लोगों की बढ़िया है। "
"जी हाँ सब ठीक है।"
" चलिए ठीक है अब आप यह समझ लीजिए कि आपको स्वस्थ रहने का टैक्स लगेगा। "
" स्वस्थ रहने पर टैक्स क्यों लगेगा!? "
" क्योंकि बीमार पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन पर तो सरकार को खर्च करना पड़ता है ना। "
" तो स्वस्थ रहकर क्या हमने गलती की है!? "
" गलती तो कमाने वाले लोग भी नहीं करते हैं, उन्हें भी टैक्स देना पड़ता है कि नहीं? "
" इस तरह तो लोग स्वस्थ रहने से बचेंगे!"
" ऐसे कैसे बचेंगे! टैक्स के मामले में सरकार के हाथ बहुत लंबे हैं। हलक में हाथ डालकर तीसरी आंत को भी खंगाल डालते हैं। "
" बच ही रहे हैं। लोग देश का करोड़ों रुपया लेकर भाग जाते हैं और फिर संसार में उनका कोई पता ही नहीं चलता। असली सेहतमंद तो वे लोग हैं। उन पर टैक्स लगना चाहिए और कर्ज भी वसूलना चाहिए।"
" वह पुलिस और कानून के दायरे में है। देख लेना वह बच नहीं पाएंगे। "
" अब तक पकड़ लेना था ! हमने तो सुना है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। "
" वह पुरानी बात है, आजकल अपराधियों के हाथ और पांव दोनों लंबे होते हैं। लंबा हाथ मारते हैं और लंबे पांव भाग जाते हैं। "
" सरकार कुछ करती क्यों नहीं है इस मामले में!"
"इसमें कोई क्या कर सकता है। एक सिस्टम बना हुआ है जो सबके लिए है। कोई भी जागरूक नागरिक स्वहित में लंबा हाथ मार कर लंबे पाँव से भाग सकता है। मौका देखकर अवसर का लाभ उठाना कोई अपराध नहीं है। "
" इसका मतलब है कि यह काम हम भी कर सकते हैं!"
" आप नहीं कर सकते हैं । कंडीशन अप्लाई यानी शर्तें लागू है इसमें। आदमी पहले से धनी और पहुँच वाला होना चाहिए। विदेशों में उसके खाते और राजनीतिक संबंध होना चाहिए।... चलिए टाइम मत खराब कीजिए, अब आपका टैक्स कैलकुलेट कर लेते हैं।"
"हम लोग अपने प्रयासों से स्वस्थ हैं इसमें टैक्स की क्या बात है!"
" आप लोग साफ हवा पानी का उपयोग कर रहे हैं, छः सात घंटे की बाधा रहित नींद ले रहे हैं। सुबह की धूप से भरपूर विटामिन-डी खेंच रहे हैं। टीवी से फ़ील गुड वाली कहबरें सुन रहे हैं । .... आपका टैक्स बन रहा है एक हजार रूपये सालाना प्रति व्यक्ति। कितने मेम्बर हैं घर में ?"
" साहब आप तो हमको बीमार लिख लो, इतना टैक्स हम नहीं दे पाएंगे।"
" सरकार की आंख में धूल झोंकना आसान नहीं है ... पैसा लगता है अलग से। "
" कितना लगेगा!? "
" आधे में काम कर देंगे, यानी पाँच सौ रूपये पर हेड। एक बार दोगे तो पक्का बीमार लिख देंगे । "
"ज्यादा मांग रहे हो, …. रिश्वत तो टैक्स फ्री होती है। "
" हिस्सा देना पड़ता है ऊपर तक। सिस्टम है ।"
" रिश्वत तो मैं नहीं दूंगा जी।“

           “ ज्यादा ईमानदार मत बनो । सेहत के लिए अच्छा नहीं है ।“

“ठीक है , सिस्टम अगर ईमानदारी को बीमारी मानता है तो उस कॉलम में मेरा नाम लिख लो। "
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