“अजी सुनते हो ! ये क्या
उठा लाये ! गुड़ लाने को कहा था ना ? कोई काम ध्यान से नहीं करते हैं !” सामान का
झोला उलटते हुए शांतिदेवी ने पति पर पहली घुड़की मारी ।
“गुड़ ही तो है भागवान, ये
देखो बिल, पचास रुपये किलो के दाम भी दिये हैं ।“ ददातादीन ने कागज आगे करते हुए
सफाई दी ।
“बिल का कोई मतलब नहीं है,
इतना समाचार सुनते हो लेकिन किसान आन्दोलन को भूल गए । कल को सुनार के यहाँ का बिल
होगा तो क्या राई-जीरा सोने का हो जायेगा ? जब से रिटायर हुए हो एक काम ठीक से
नहीं करते हो ।“ देवी ने कमर पर हाथ भी रख लिया ।
“काम ठीक से कर सकता तो
सरकार रिटायर क्यों करती ? जैसा हूँ काम चलाओ, कुकर भी तो तुम ढीले हेंडल वाला
वापर रही हो ।“ दातादीन बोले ।
“कुकर की बात अलग है, वो ठीक
टाइम पर सिटी मारता है । तुम्हारी तरह नहीं कि गुड़ लाने को कहो तो गोबर उठा लाये और
पचास रुपये फैंक आये सो अलग ।“
“गोबर !! गोबर है क्या ?!
ठीक से देखा तुमने ?”
“हाँ गोबर है, ये देखो ।“
“गोबर तो पचहत्तर रुपये
किलो है ! पच्चीस का फायदा हो गया ।“
“पच्चीस का फायदा हो गया
है तो दिमाग में भर लो इसे । कम से कम खाली तो नहीं रहेगा । यों भी खाली दिमाग
शैतान का घर होता है । दिनभर उल्टेसीधे काम करते रहते हो ।“
“भागवान, समय को पहचानो ।
गुड़ का नहीं ये गोबर का समय चल रहा है । गाय का गोबर अब मिलता कहाँ है । अरे जब
गाय ही नहीं मिलती तो गोबर कहाँ से मिलेगा । नेट पर गाय सर्च करो तो बीफ दिखाता है
। कमबख्त सेलिब्रिटी बीफ खाते हैं और विक्ट्री साईन के साथ मिडिया को भी बताते हैं
। एक दिन सारी गाय खा जायेंगे ये लोग तब देखना म्यूजियम में रखा मिलेगा गोबर । मैं
तो कहता हूँ अच्छी तरह सुखा कर पैक करके रख लो, हमारी अगली पीढ़ी जानेगी तो सही कि
ये गाय का गोबर होता था ।“
“हे भगवान ... सरकार ने तो
चलता करके छुट्टी पाई, लेकिन मैं क्या करूँ !”
“तुम करवा चौथ का व्रत
रखती तो हो, अब और कुछ करने की जरुरत नहीं है । भगवान इतने में ही सुन लेगा ।“
“व्रत तब रखती थी जब नौकरी
में थे और गुड़ कहो तो गुड़ ही लाते थे । मुझे क्या पता था कि अपना ही गुड़ एक दिन
गोबर हो जायेगा ।“ देवी का गुस्सा कम नहीं हुआ ।
“देखो, गोबर को तुम बहुत
हलके में ले रही हो । और ज्यादा चिल्लाचिल्ली मत करो, बाहर गोबर समर्थकों ने सुन
लिया तो दिक्कत हो जाएगी ।“
“क्या दिक्कत हो जाएगी !!
हद है अब औरते क्या अपने पति को हड़का भी नहीं सकती हैं ! अगर ऐसा है तो पति रखने
मतलब क्या रह जायेगा ।“
“समय को पहचानो शांतिदेवी ।
सिस्टम बदल रहा है और हर तरह का पति परमेश्वर होने जा रहा है । अपने को श्रद्धा
भक्ति के साथ तैयार करो और उसके लाये गोबर को गुड़ मानों । समय के साथ चलो, अभी
हमें अगले छः जनम और साथ रहना है ।“
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