शुरुवात में कुछ बड़े लोग पॉज़िटिव थे । दूसरे उनके संपर्क में आते गए और संक्रमित होते गए । धीरे धीरे कार-पॉज़िटिव लोगों की संख्या बढ़ती गई । जी हाँ मैं कार की बात कार रहा हूँ । सरकार ने चौराहों पर हरी लाल बत्ती लगाई । कुछ नियम बनवा दिए, जरूरत पड़ने पर ऑड़-इवन भी किया । लोग ठुकने-ठोकने लगे तो सीट बेल्ट बांधने और धीरे चलाने के निर्देश दिए । हार्न बजाने और ब्रेक लगाने को भी कहा । तमाम कोशिश करके थक गई तो सरकार ने ट्वीट किया कि लोगों को अब कार के साथ ही जीना सीखना होगा । कार अब हमारे जीवन का हिस्सा है ।
इधर
लॉक डाउन खुला और उधर चौथी बार के संक्रमित कार बहादुर जी शो रूम में पहुँच गए । सेफ़्टी
के लिए उनका ज़ोर जरूरत से ज्यादा देख शोरूम वाला बोला –“देखिए साहब ये कार है ।
कंपनी ने सारे जरूरी पुर्जे लगा दिए हैं । रोड टेस्ट ले लिया है । सब ओके है हमारी
तरफ से । अब आप इसे खरीद रहे हैं तो कैसे चलना / चलाना है इसकी ज़िम्मेदारी आपकी है । कहाँ आपको हार्न
बजाना है, कहाँ ब्रेक लगाना है, यह सब आपको तय करना है । ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ के
बोर्ड सब जगह लगे हुए हैं हिन्दी अँग्रेजी में । पढ़ना और समझना आपको है, सरकार ... यानी कंपनी की ड्यूटी खत्म । सावधानी रखोगे तो ‘गाड़ी’ चलती रहेगी ।“
“बीमा
भी तो होता है ना ?” कार बहादुर ने
पूछा ।
“देखिए
साहब बीमा की बात अलग है । जिसको मिल गया उसको मिल गया । वरना शर्ते लागू हैं ही ।
बीमा राशि लेना हो तो बीमा कंपनी के हिसाब से मरना जरूरी है । कोरोना वाले को भी
बीमा नहीं मिलता है ।“
“भाई
साहब मैं कोरोना की नहीं कार कि बात कार रहा हूँ ।“ कार बहादुर ने टोका ।
एक
ही बात है जी । कार और कोरोना साहबों की बीमारी है और छूत से फैलती हैं । देख नहीं
रहे हर घर के सामने बिना बात एक एक दो दो कार खड़ी हैं ।“
“ठीक
है लेकिन बीमा से सुरक्षा तो मिलती है ।“
“सुरक्षा
बीमा कंपनी को मिलती है । बाकी को भय और भ्रम मिलता है ।“
“टीवी
पर भीख मांगता हुआ विज्ञापन तो आ रहा है कि कब करवाओगे .... अब तो करवा लीजिए
.....”
“विज्ञापन
तो कोरोना के भी आ रहे हैं कि डिस्टेन्स रखिए मास्क लगाइये । लेकिन कोई ध्यान देता
है !!”
“
फिर ? लूँ या नहीं लूँ ? ..... सोचता हूँ क्या
करूंगा ले कर !”
“ले
लो साहब । महीने में पाँच को भी संक्रमित कर दोगे तो कंपनी को लाभ होगा और सरकार
को भी । अर्थ व्यवस्था का तो पता ही है आपको । मदिरा और कार पर तो देश चल रहा है ।
यानी ड्रिंक एंड ड्राइव इकनामिक्स ।
वाह
जवाब देंहटाएंकर-पॉजिटिव
बढिया प्रयोग दादा
ड्रिंक होगा तो सब में मोबिलिटी आएगी।
जवाब देंहटाएंअभिनन्दन आपका।
बहुत अच्छा है
जवाब देंहटाएंMazedaar.
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