शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

चुनावी च्यवनप्राश – 2 ...... (रजवाड़ी रजवाड़ी)



खबर है कि पार्टी के दो बड़े नेता भिड़ पड़े ! कुछ का कहना है कि हाथापाई की नौबत आ गई, कुछ का कहना है कि हो गयी । मीडिया ने बताया है कि एक वानपृस्थ के दरवाजे पर हैं दूसरे सन्यास आश्रम के द्वार पर । दोनों की जवाहर जेकेट में रजवाड़ी च्यवनप्राश और वसंतकुसुमाकर रस की डिब्बी है । दोनों रसायनों के बारे में आयुर्वेद कि चेतावनी है कि तय मात्रा से अधिक लेने पर यह विकार पैदा करती है । रोगी में उन्माद के लक्षण पैदा हो जाना आम बात है । लेकिन फिलहाल यहाँ के दृश्य पर चर्चा करना बेहतर है । मामला यह है कि दोनों महारथी अपने अपने पट्ठों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं । क्योंकि पट्ठे हैं तो वे हैं । बाहर लड़ने वालों की भीड़ जमा है । किसी कवि ने बहुत पहले बहुत ठीक कहा है कि ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का । आजकल कंपनियाँ अलबेलों मस्तानों को जॉब नहीं देती हैं । इसलिए मजबूरी भी कोई चीज होती है, वरना हर कोई मोटी चमड़ी का नहीं हो पाता है । हरेक लड़ने का इच्छुक अपने साथ सिविल ड्रेस में पाँच सात बाउंसर लिए खड़ा है । वे दूरदृष्टा और समझदार हैं । मूरखों की तरह नहीं कि प्यास लगे तब कुंवा खोदने कि जुगत करें । जैसे ही जरूरी होगा महाभारत की आदर्श परंपरा को सम्मान दिया जाएगा । प्रेम , युद्ध और टिकिट के झगड़े में सब जायज है ।
पार्टी मुख्यालय के प्रांगण में गांधी जी की प्रतिमा लगी हुई है जिसके हाथ में लाठी भी है । प्रतिमा के कंधे पर बैठे कबूतर ने अभी तक शांति की उम्मीद नहीं छोड़ी है और लग रहा है जैसे वह गुटुर गूँ के साथ वैष्णव जन तो तेने कहिए गा रहा है ।  
“गांधी जी की गाइड लाइन के हिसाब से हमें भी यहाँ लाठी ले कर आना चाहिए था ।“ टिकिटार्थी यानी भिया के साथ आए चेले ने कहा ।
“ऐसा नहीं है रे, गांधीजी के पास जेब नहीं थी इसलिए वो चाकू नहीं रख पाते थे । वरना जो बकरी का दूध पिये और मिलों तक तेजी से पैदल चले उसे लाठी लेने कि क्या जरूरत है !! ..... तुम चिंता मत करो, हम गांधीवादी ही हैं ।“  भिया ने चेले को दीक्षित किया ।
“गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी, टिकिट की लड़ते तो पता चल जाता कि असल लड़ाई क्या होती है । पाँच साल हो गए पार्टी में दुम हिलाते ..... अब इच्छा हो रही है कि भँभोड़ डालूँ दो चार को । “ भिया पिन्नाए ।
“जब तक अंदर से छू का इशारा नहीं मिले शांत खड़े रहो भिया । पीछे मीडिया वाले भी कैमरा ले कर तैयार खड़े हैं । “
तभी अंदर से दो बयान बाहर आए कि “हम नहीं लड़े, खबर झूठी है । पार्टी एकजुट और मजबूत है । “
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