इंद्रबली
आज बेहद जल्दी में हैं, उन्हें अपने लड़के
को दिखाना है । डाक्टर को नहीं, आज लड़की वाले देखने आ रहे
हैं । उनके जमाने की बात और थी जब उन्होने पंद्रह लड़कियों को बेरहमी से देखने के
बाद सोलहवीं को फाइनल किया था । हर जगह ठाठ से गए, खाया-पिया, स्वागत सत्कार करवाया और ठेंगा दिखा कर चले आए । बेटा हुआ तो छाती सत्तवन इंच की हो गई । बड़े
अरमान थे कि जवान होगा तो दो दर्जन देखने के बाद फाइनल करेंगे । मुफ्त का खाने और
मुंह बना कर निकल लेने का मजा ही कुछ और है । लेकिन अब जमाना माडर्न है तो जो नहीं
हुआ वो भी मुमकिन है । लड़कियां लड़कों को दनादन रिजेक्ट कर रहीं हैं !! लड़के नहीं
हुए काने बैंगन हो गए ! इंद्रबली के बेटे को अब तक छ्ह लड़कियां रिजेक्ट कर चुकी
हैं । बहुत बुरा लगता है जब लड़कियां रिजेक्ट कर अपनी हाई हिल चटकाते चली जाती हैं
। बेटा डिप्रेशन में चला जाता है और उसकी माँ कोप भवन में । खुद इंद्रबली को खून
का घूंट पिये बैठे रहना पड़ता है । सदियों से जो गऊ समान बनी रहती आयीं हैं आज सींग
दिखाने लगें तो पचता नहीं है । पहले तो माँ बाप जिस भी खूँटे से बांध देते थे उसी
के साथ चुपचाप बंधी चली जाती थीं । कई बार तो खूंटा बूढ़ा होता था लेकिन सिर भी
नहीं हिलाती थीं । शास्त्रों तक में कहा गया
हैं कि स्त्रियों का भाग्य प्रधान होता है । जैसा भाग्य होगा वैसा पति सुख
मिलता है । कुछ और सोचने विचारने की जरूरत ही नहीं होती थी । लेकिन ये घोर कलयुग
की बेला है रे भाई !! लड़की को नहीं जंचा तो फिर खूंटा हो या ऊंटा, वह नहीं बंधेगी । अभी तक जोड़ी ऊपर वाला बनाता था,
अब सॉरी बोल देता है ।
इंद्रबली
को मलाल ये कि उनके बेटे के लिए कोई रिश्ता नहीं मिला अब तक । यानि बड़े आदमी के घर
किसी ने रिश्ते की घास नहीं डाली । कई बार मन में आता है कि एक लाइन में खड़े करके
गोली से उड़ा दें फूलनदेवी की तरह । लेकिन लड़के की जवानी फास्ट ट्रेन होती देख फोन
उठाते और कहते ‘जी भाई साब, एक बार देख तो लीजिए, आपको लड़का जरूर पसंद आएगा’ । उधर से प्रश्न होता कि लड़का करता क्या है ? ये
सोचते कि बाप के पास पैसा है तो लड़के को कुछ करने कि जरूरत ही क्या है ! इन्द्रबली का ऑफ द रेकार्ड दावा है कि उनकी सात
पीढ़ी खा सकती हैं आराम से । दिक्कत पैसे की नहीं पीढ़ी शुरू करने की है । कोई कहता
है कि दसवीं फेल है ! आगे नहीं पढ़ा ! कुछ ने कहा कि गीत संगीत, पेंटिंग वगैरह कर लेता तो नाम होता । खैर, आज भी आई
लड़की और उठाते हुए बोल गई कि ‘जिम विम जाया करो, वरना सौ किलो के हो जाओगे तो अनाज तौलने वाले बाँट से ज्यादा कुछ नहीं बन
पाओगे’ ।
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