शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

कह देना कि छेनू सबके घर आएगा



 


                किरण को बचपन की बात याद  आ आई जब पिता ने ऊँचे स्टूल खड़ा कर कहा था कूद जा बेटा . किरण तैयार नहीं था, उसे ऊंचाई का पता था . यह भी समझता था कि इतनी ऊपर से कूदा तो धुटने टूट जायेंगे . लेकिन सामने पिता थे तो कुछ भरोसा भी था . फिर भी डर था, कहा इतनी उपर से कूदने की हिम्मत नहीं हो रही है पापा, पैर टूट जायेंगे . पिताजी के कहा डर मत मैं हूँ ना, सम्हाल लूंगा . चल कूद, मेरा बेटा शेर है, हिम्मतवाला है, ... ओए शाब्बाश ... वन ... टू ... थ्री ... . और किरण कूद गया . उसके घुटने सचमुच फूट गए . उसने मम्मा को कहा कि पापा ने धोखा दिया और ऊँचे से कुदवा दिया . बचाना सम्हालना तो दूर वे फोटो खींचने में लगे रहे . पापा ने सफाई दी कि हाँ मैंने ऐसा किया लेकिन ये एक लेसन था . कभी किसी पर यकीन नहीं करना चाहे वो अपने को तुम्हारा बाप ही क्यों नहीं बता रहा हो . जितना खतरा तुम्हें लड़ने वाले से है उससे ज्यादा आश्वासन देने वाले से हो सकता है . दूसरे लोग तमाशा देखते हैं, ताली बजाते हैं, जोखिम नहीं उठाते हैं . 
                                 किरण बड़ा हुआ, उसने पंचतंत्र की कहानी पढ़ी . एक भूखा सियार खाने की तलाश में यहाँ वहाँ भटकता हुआ बस्ती में पहुँच गया. भौंकते कुत्ते पीछे पड़े तो एक रंगरेज के आंगन में घुसा . वहां टब में हरा रंग था वह उसमें कूद गया और हरा हो गया . किसी तरह बचता हुआ वह जंगल में आया तो जानवरों ने उसे पहचाना नहीं . सियार ने कहा मैं ईश्वर का खास हूँ, मुझमें अपार शक्ति है . मैं महाशक्ति हूँ . मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा . मेरी शरण में रहो और निर्भय जीवन जियो . कुछ समय बाद जंगल में दूसरे जानवरों ने हमला कर दिया . जानवरों ने सियार को पुकारा तो उसने कहा तुम लोग मोर्चा सम्हालो, लड़ो तुम्हारे साथ मैं हूँ , जीत तुम्हारी ही होगी . कह कर सियार अपनी गुफा में बने बंकर में घुस गया और फिर नहीं निकला . जानवर मरे गए .
                                 पिछले हप्ते फिर जिंदगी ने परीक्षा ली . कुछ लोग आये और घर वालों को बोल गए कि “ किरण आये तो कह देना छेनू आया था .” छेनू के बारे में कौन नहीं जानता है . कहा जाता है कि वह मोहल्ले का मोहल्ला उड़ा देता है . उससे पंगा लेना अपनी फजीहत करवाना है . लेकिन पास पडौसियों ने हूल दी कि डरो मत . तुम अकेले नहीं हो, सारा मोहल्ला साथ में है . छेदी पेलवान मोहल्ले के लीडर बने हुए थे . उनके पास लाठियाँ और तलवारें भी हैं ऐसा सब मानते हैं . उन्होंने खुद आ कर किरण की पीठ पर हाथ रख दिया . बोले छेनू आयेगा तो सब टूट पड़ेंगे और उसकी टाँगे तोड़ के हाथ में दे देंगे . मुगालते में किरण ने ताल ठोंक दी . एक दिन छेनू आ गया . किरण कमर कस कर मैदान में आ खड़ा हुआ, छेनू पर दहाड़ मारी, कुछ जुमले भी कसे . छेनू ने लपक कर उसकी गरदन पकड़ ली और टेंटुआ दबा लिया . उम्मीद के खिलाफ कोई बाहर नहीं आया, सब अपने सीसी कैमरों से लाइव देख रहे थे . छेदी पेलवान के घर पर ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ की तख्ती लगी थी, वे जिम में व्यस्त थे . किरण एक बार फिर घुटने फुडवा चुका था . 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें