सरकार ने मुनादी पिटवाई कि फलां दिन लोग किसी भी दूसरे आदमी पर एक गोली चला सकेंगे । समाज के शुद्धिकरण के लिये पूरे बारह घंटे की छूट रहेगी । उत्साह और उत्सव पूर्वक यह पवित्र कार्य कीजिये ।
छूट का समय समाप्त होने के बाद लाशे जांची गईं । ज्यादातर को एक या दो गोलियां लगीं थीं । कुछ थे जिन पर चार-पांच गोलयों के निशान मिले । एक लाश ऐसी मिली जिस पर सैकड़ों गोलियों के निशान थे । जो अपने ही खून से भीग कर लाल हो गई थी और लोगों को स्ट्र्बेरी की तरह दिखाई दे रही थी ।
सरकार ने पूछा ‘‘ ये किसकी लाश है !?..... कौन था ये पापी ?! ’’
राज पुरोहित शुद्धिकरण शास्त्री ने फुसफुसा कर बताया - ‘‘ हुजूर ये राज्य के व्यंग्यकार की लाश है । ’’
सुनते ही सरकार क्रोध से तमतमा गई । फौरन उसने अपनी पिस्तौल निकाली और लाश पर तीन-चार गोलियां दाग दी । चारों ओर संन्नाटा सा छा गया । स्ट्र्बेरी कुछ ताजे लाल छीटों से और खिल उठी ।
कुछ देर की खामोशी के बाद एक पागल ने कहा - हुजूर ये न्याय नहीं है , शुद्धिकरण छूट का समय समाप्त हो जाने के बाद आपको इस पर गोली नहीं चलानी चाहिये थी ।
हुजूर मुस्कराते हुए बोले - ‘‘ किसी भी तरह की छूट या समय सीमा जनता के लिये होती है , सरकार को सिर्फ मौका चाहिये । ’’
लोगों ने देखा कि एक गोली पागल को चीरती हुई निकल गई है ।
--------------------------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें