शनिवार, 8 जून 2013

थप्पड़ मंत्री ....

                           
    सरकार एक नया मंत्री बनाने जा रही है -- थप्पड़ मंत्री । केबीनेट मंत्री के रूप में यह सरकार का सबसे महत्वपूर्ण मंत्री तो होगा ही जनता के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बनेगा । मंत्री जनता की सेवा के लिए होते हैं . लेकिन थप्पड़-मंत्री की सेवा जनता कर सकेगी । हाल के दिनों में पता चला है कि मंहगाई जैसी तमाम बातों से लोग बहुत गुस्से में आ जाते हैं । मन तब तक सामान्य स्थिति में नहीं आता है जब तक कि जिम्मेदार आदमी को दो-चार थप्पड़ न मार लिए जाएं । इसको लोकसंस्कृति में छाती ठंडी करना कहते हैं । सरकार जनता की भावना का सम्मान करती है । दिक्कत ये है कि सरकार के पास जादू की छड़ी नहीं है जिससे मंहगाई कम कर सके । लेकिन जनता का गुस्सा कम करना उसका फर्ज है । अगर दो-चार थप्पड़ से मंहगाई की पीड़ा कम हो सकती है तो सरकार जनता के साथ है । जनता ने बहुत विलंब से बताया कि वो क्या चाहती है । लेकिन सरकार को बहुत से काम होते हैं । सिक्यूरिटी वगैरह भी होती है, जिन्हें वोट का महत्व नहीं मालूम होता है । डायरेक्ट थप्पड़ मारने में जनता को जोखिम हो सकता है । यों देखा जाए तो जनता गाली भी दे सकती है , देती ही है । लेकिन गाली सरकार बरदाश्त  नहीं करेगी । सरकार के किसी काम में मां-भैन को शामिल करना अच्छी बात नहीं है जी । इससे तो थप्पड़ खा लेना परवरता है । सरकार को आए दिन ऐसे काम करना पड़ते हैं जिससे जनता का मुंह तमतमा जाता है । हर महीने पेट्रोल  के दाम बढ़ाना आगे भी जारी रहेगा ही । इसलिए सरकार अब बाकायदा थप्पड़ खाने के लिए तैयार है । अगले सत्र में थप्पड़ को लीगल करने के लिए ‘लो गाल विधेयक’ पास किया जाएगा । इससे एक सिस्टम बनेगा , जनता खुश  होगी और अगले चुनाव में सरकार के गाल मजबूत करेगी ।
बहरहाल, जैसे ही मंहगाई बढ़ेगी , यानी विशेषज्ञ बताएंगे कि मूल्य सूचकांक में वृद्धि हुई है तो फौरन सरकार थप्पड़-मंत्रीजी को जनता के बीच भेजेगी । प्रेस और मीडिया के तमाम लोगों को बाकायदे सूचना दी जाएगी । थप्पड़-मंत्रीजी सरकार की ओर से सम्मानपूर्वक थप्पड़ खाएंगे, किसी को जूता वगैरह फेंकना हो तो उसके लिए भी अंतिम पांच मिनिट में अवसर मिलेगा । वे राज्य सरकारें जो मंहगाई का कारण केन्द्र को बनाती हैं उन्हें भी मौका दिया जाएगा । मंहगाई बढ़ते ही थप्पड़-मंत्री दौरे पर निकल जाएंगे । शुरुवात दिल्ली से ही होगी, दिल्ली वाले भटूरा खाते हैं और उसकी हवा निकालने के लिए उस पर थप्पड़ जैसा मारते हैं । थप्पड़-मंत्री भी भटूरे की तरह होंगे । यानी थप्पड़ खाते ही उनके भटूरे जैसे गालों से हवा ‘फुस्स’ करती निकल जाएगी । जब भी ‘फुस्स’ करती हवा निकलती है, दिल्ली वाले खुश  हो जाते हैं । दिल्ली वाले खुश  रहते हैं तो सरकार को लगता है कि पूरा देश  खुश  है । इसका कारण यह है कि सरकार सोती और उठती दिल्ली में है, बाकी सारा देश टीवी और अखबारों से देखती है । खैर, दिल्ली के बाद थप्पड़-मंत्री सबसे पहले महाराष्ट्र् जाएंगे और धैर्य पूर्वक जनता का गुस्सा शांत  करेंगे । उसके बाद वे अन्य राज्यों में डिमांड के अनुसार उपलब्ध होंगे । फुलटाइम उनका एक ही काम होगा । उम्मीद है कि अब जनता को मंहगाई से कोई परेशानी नहीं होगी । सरकार आपकी सेवा में है ।

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