मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

टोपी के नीचे क्या है !


 

                      टोपी पहनते ही असर हुआ और उनके मुंह से जुमले झरने लगे . वे चौंक गए, ये क्या हो रहा है ! सोचा डाक्टर को दिखाएँ, लेकिन पहले सीनियर टोपीदार को बताया तो वे बोले –“तुम चिंता मत करो, बस सिस्टम के मजे लो . टोपी के ऊपर हाईकमान और विचारधारानुमा कुछ चीजें होती हैं लेकिन उनका लोड मत लो और भूल जाओ . राजनीति में भूलना जरुरी है और उससे ज्यादा जरूरी है भूलाने में लोगों की मदद करना . जनता अब श्यानी हो गयी है, उसे याद रखने की गन्दी आदत पड़ गयी है . लेकिन फ़िक्र नहीं क्योंकि टोपियों पर भरोसा करने का आलावा उसके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है . तुम्हें लग सकता है कि टोपी के नीचे तुम हो ! लेकिन वोटर की नजर अलग है . उससे पूछो कभी तो कहेगा टोपी के नीचे लेपटॉप है, या गैस का सिलेंडर है, कोई कहेगा स्कूटी है, किसीको टोपी के नीचे से झांकती नौकरियां दिखती हैं तो किसीको मुफ्त राशन . बोतल-पौवा और नगदी तो हर टोपी के नीचे निकलता है, अब भेड़-बकरियां भी निकलने लगी हैं . धीरे धीरे टोपी का जादू तुम्हें समझ में आ जायेगा .”

                              उसने गौर किया कि बड़े टोपीदार लम्बी लम्बी छोड़ते हैं ! लम्बी छोड़ना राजनीति का नवाचार है . इसी के चलते उसने भी लम्बी छोड़ने की ठानी . वो किसान के सामने गया और बोला मुझसे बेहतर तुम्हें कोई नहीं जानता है . मैं पिछले जनम में बैल था और हल में लग कर खेत जोता करता था . धोबीघाट पर जा कर बोला कि मैं तुम्हारा सुख-दुःख समझता हूँ क्योंकि किसी समय मैं गधा था और एक धोबी के गठ्ठर ढोया करता था . वोटर जानता है कि लम्बी छोड़ रहा है फिर भी उसे अच्छा लगता कि वह गरीब किसान है तो क्या हुआ ये बैल था मेरा . धोबी सोचता कि फिर बोझ उठाएगा, कुछ तो काम आयेगा . लेकिन समाज में सारे गरीब गुरबे नहीं होते हैं . कुछ पढ़े लिखे समझदार भी होते हैं . उनको बत्ती देने में बड़े कौशल और अनुभव की जरुरत होती है . उन्हें विकास और सुनहरे भविष्य का झांसा दिया जाता है . उन्हें बैंक लोन और पासपोर्ट एकसाथ दिखाया जा सकता है . लेकिन घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या !? टोपी के नीचे सारा कुछ दूसरों के लिए ही होगा तो उसे क्या मिलेगा ! यह विचार आते ही उसने टोपी को खंगाला . देख उसके लिए गाड़ी, लाल बत्ती, बंगला और चंदा है . विदेशी बैंकों में खाते और संपत्तियां भी दिख रही हैं . घर परिवार और नाते रिश्तेदारों के गले में ओहदे और नौकरियां लटक रही हैं . वह खुद थाईलेंड और थाई मसाज के लिए ‘ता थाई ता थाई त त ता थाई’ करता दिखा !

                         चमत्कृत हो उसने आसमान की और देखा और कहा “भगवान लम्बी उमर देना, मैं दो सौ साल जीना चाहता हूँ .”

                        आकाशवाणी हुई – ‘तथास्तु’ .

                       उसे विश्वास नहीं हुआ, पूछा – क्या भगवान सचमुच ?! अपने तथास्तु कहा है !?

                      फिर आकाशवाणी हुई, भगवान बोले – “जुमले सिर्फ तुम्हारे ही पास हैं क्या ?”

 

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